मदन राठौड़ का गहलोत पर हमला, बोले- गांधी के नाम पर राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं
जयपुर : राठौड़ ने संसद में कांग्रेस के रवैये की आलोचना करते हुए कहा कि विपक्ष ने सदन का समय बर्बाद किया और एसआईआर जैसे गंभीर मुद्दों पर भी रचनात्मक भूमिका नहीं निभाई। मतदाता सूची पुनरीक्षण पर आपत्ति को जनभावनाओं को भटकाने का प्रयास बताया।

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने रक्षाबंधन के पावन पर्व पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए इसे भाई-बहन के प्रेम, स्नेह और कर्तव्यबोध का प्रतीक बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि “हर घर तिरंगा अभियान” से राष्ट्रभक्ति का संचार हो रहा है और यह भावनाएं केवल सत्ता पक्ष तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि विपक्ष को भी इस दिशा में संवेदनशील होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाने से पहले 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाकर देश को यह याद दिलाना जरूरी है कि ऐसी त्रासदियां दोबारा न हों। उन्होंने जनता से आह्वान किया कि वे राष्ट्र की अखंडता, एकता और विकास के लिए संगठित होकर आगे बढ़ें।
राठौड़ ने आरोप लगाया कि संसद सत्र के दौरान विपक्ष, विशेष रूप से कांग्रेस ने बार-बार हंगामा कर सदन का कीमती समय बर्बाद किया। एसआईआर (SIR) से जुड़े मामलों पर भी विपक्ष ने कोई रचनात्मक भूमिका नहीं निभाई। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसमें पात्र नागरिकों के नाम जोड़े या हटाए जाते हैं। इस पर आपत्ति जताना सिर्फ जनभावनाओं को भटकाने का प्रयास है।
रोहिंग्याओं को लेकर सख्त रुख
राठौड़ ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि रोहिंग्याओं और अन्य बाहरी घुसपैठियों को भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि यह भारत के नागरिक तय करेंगे कि देश में कौन शासन करेगा न कि कोई बाहरी तत्व। असम और पूर्वोत्तर राज्यों में रोहिंग्याओं के नाम मतदाता सूची में शामिल होना चिंताजनक है।
‘उदयपुर फाइल्स’ और न्याय व्यवस्था पर बयान
फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा न्याय प्रक्रिया में कभी हस्तक्षेप नहीं करती। उन्होंने कांग्रेस से सवाल पूछा कि जब आतंकी अजमल कसाब को सजा देने की बात आई थी, तब उसमें देरी क्यों हुई और किसने उसे बचाने का प्रयास किया?
सचिन पायलट और भाषा की मर्यादा पर टिप्पणी
सचिन पायलट को ‘नकारा-निकम्मा’ कहे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसे शब्द लंबे समय तक मन पर प्रभाव डालते हैं। विरोध का अधिकार सभी को है, लेकिन भाषा की मर्यादा और शब्दों का चयन संतुलित होना चाहिए।
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के बयान पर प्रतिक्रिया
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के “दिल्ली से फोन” वाले बयान पर उन्होंने कहा कि यह उनसे ही पूछा जाना चाहिए कि फोन किसका आया था। भाजपा ने ऐसा कोई फोन नहीं किया और पार्टी के पास चुनाव लड़ने वालों की कोई कमी नहीं है।
अशोक गहलोत और कांग्रेस पर तीखा पलटवार
अशोक गहलोत के बयानों पर पलटवार करते हुए मदन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस वह पार्टी नहीं रही, जिसने आजादी की लड़ाई लड़ी थी। महात्मा गांधी जिस कांग्रेस को समाप्त करना चाहते थे, आज उसी के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं। उन्होंने गांधी परिवार पर भी तंज कसते हुए कहा कि महात्मा गांधी से फिरोज गांधी बने, फिर इंदिरा गांधी, फिर राजीव गांधी और अब अशोक गहलोत खुद को राजस्थान का गांधी कहने लगे हैं। उन्होंने गहलोत को सुझाव दिया कि अपने बयानों से पहले जानकारी पक्की कर लें। घरों पर तिरंगा फहराने की अनुमति कोर्ट से मिली है, यह बात उन्हें पता होनी चाहिए।