
सांसद चौधरी ने बताया कि जालौर-सिरोही क्षेत्र भौगोलिक रूप से कठिन लेकिन वीर और परिश्रमी लोगों का इलाका है। जालौर की साक्षरता दर बेहद कम है और सिरोही आकांक्षी जिलों में शामिल है। युवाओं को देशभक्ति से प्रेरित शिक्षा देने और उन्हें सेना में करियर के लिए प्रेरित करने हेतु सैनिक स्कूल की स्थापना जरूरी है।
सांसद लुंबाराम चौधरी ने शुक्रवार को लोकसभा में जालौर-सिरोही में सैनिक स्कूल की स्थापना करवाने की मांग की। इसके साथ ही इस मामले में त्वरित कारवाई के लिए उनके द्वारा केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ को भी पत्र भेजे गए हैं।
सांसद चौधरी ने लोकसभा में नियम 377 के तहत जालौर-सिरोही में सैनिक स्कूल की स्थापना करवाने का मुद्दा उठाया। इस दौरान उनका कहना था कि भौगोलिक दृष्टि जालौर-सिरोही संसदीय बहुत ही समृद्व क्षेत्र है। यह क्षेत्र रेगिस्तान एवं पहाड़ से घिरा हुआ है। इस क्षेत्र की जनता स्वाभाविक रूप से साहसी वीर और कठोर परिश्रमी है। जालोर जिला अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा हुआ है। चितलवाना सरवाना पुलिस स्टेशन के अंतर्गत स्थित क्षेत्र को अंतर्राष्ट्रीय सीमा के रूप में अधिसुचित क्षेत्र घोषित किया गया है। जबकि, सिरोही जिला नीति आयोग के अंतर्गत आकांक्षी जिला में शामिल है। सिरोही जिला स्थित पिंडवाड़ा टीएसपी क्षेत्र घाषित है। जालोर जिला साक्षरता और शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है तथा जिले की साक्षरता दर 2011 की जनगणना के अनुसार 55.58 प्रतिशत हैं, जिससे पुरूषों एवं महिलाओं की साक्षरता दर क्रमशः 71.83 तथा 38.73 है। राजस्थान में जालोर सबसे कम साक्षरता वाला जिला हैं।
युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रोत्साहन देने की है आवश्यकता
लोकसभा में सांसद चौधरी का कहना था कि सिरोही जिले के माउंटआबू में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का ऑफिसर ट्रेनिग सेंटर है। यहां के हजारों की संख्या में युवा सेना में सेवारत हैं तथा हजारों की संख्या में जिले में पूर्व सैनिक निवास कर रहे हैं। इनके बच्चो को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत शिक्षा देने की आवश्कता है। चौधरी ने कहा कि यहां के छात्र सेना को अपने करियर के रूप में चुन सके इसके लिए जालोर सिरोही में सैनिक स्कूल खोला जाए, ताकि लोकसभा क्षेत्र की जनता को इसका लाभ मिल सके।