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पवित्रता जीवन का सबसे बड़ा गहना है: राजयोगिनी बीके जयंती दीदी

- परमात्म रक्षासूत्र कार्यक्रम आयोजित - बहनों ने भाइयों की कलाई पर बांधा रक्षासूत्र

आबूरोड। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मुख्यालय शांतिवन में रक्षाबंधन के पावन पर्व पर परमात्म रक्षासूत्र समारोह आयोजित किया गया। इसमें ब्रह्माकुमारी बहनों ने हजारों भाइयों की कलाई पर परमात्म रक्षासूत्र बांधकर सदा पवित्रता के पथ पर और ईश्वरीय मार्ग पर चलने का संकल्प कराया। मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी मोहिनी दीदी ने सभी वरिष्ठ भाई और बहनों को रक्षासूत्र बांधा।

समारोह में अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने कहा कि परमपिता शिव परमात्मा हम मनुष्य आत्माओं को पवित्रता का प्यारा बंधन बांधने के लिए परमधाम से आते हैं। पवित्रता जीवन का सबसे बड़ा गहना है। रक्षाबंधन पवित्रता का पर्व है। यह भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। उन्होंने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि संस्था में 1966 में माउंट आबू में मात्र पांच ही भाई थे, बाकी सभी बहनें थीं। लेकिन आज यह हजारों भाई समर्पित रूप से सेवाएं दे रहे हैं।

इन पांच बातों का रखें ध्यान-

राजयोगिनी जयंती दीदी ने कहा कि परमात्मा हम बच्चों को मुख्य पांच बातों के आधार पर ईश्वरीय ज्ञान देते हैं। आज के दिन सभी यह पांच संकल्प करें- पहला है पढ़ाई। पढ़ाई अर्थात् शिव बाबा रोज हमें जो ज्ञान मुरली के माध्यम से पढ़ाई पढ़ाते हैं और नई-नई बातें सिखाते हैं उन्हें जीवन में धारण करना है। रोज अच्छी तरह से मुरली का अध्ययन करें और देखें कि आज मुझे किस बात पर ध्यान देना है। दूसरा है- जीवन में सच्चाई। यदि हमारा आत्मिक चरित्र ऊंच, महान और सच्चाई युक्त है तो ऐसे जीवन का हर किसी पर प्रभाव पड़ता है। हमारा चाल, चलन, चरित्र पवित्रतायुक्त हो। तीसरा है- अपने विकारों, कमियों और कमजोरियों का दान करना है। आज के दिन सभी संकल्प करें कि अपने अंदर जो कमी कमजोरी है उसे पहचानकर दूर करेंगे। चौथा है जीवन को आदर्श और मूल्यवान बनाना और पांचवा है- स्मृति। सदा यह स्मृति रहे कि मेरा लक्ष्य क्या है। मुझे क्या करना है।

देशभर में मनाया जा रहा है रक्षाबंधन-

अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मुन्नी दीदी ने कहा कि रक्षाबंधन पर देशभर में ब्रह्माकुमारी बहनों जेल से लेकर जवानों, वृद्धाश्रम, अनाथालय, ऑफिसों में भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा भाई ने कहा कि बहनों के त्याग-तपस्या, सेवा का परिणाम है कि आज यह ईश्वरीय विद्यालय यहां तक पहुंचा है। इस मौके पर अतिरिक्त महासचिव डॉ. बीके मृत्युंजय भाई, अतिरिक्त महासचिव डॉ. प्रताप मिड्‌ढा, संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके शशी दीदी, ज्ञान सरोवर की निदेशिका बीके प्रभा दीदी, बीके गीता दीदी, बीके आत्म प्रकाश भाई सहित बड़ी संख्या में भाई-बहन मौजूद रहे। संचालन डॉ. बीके सविता दीदी ने किया।

आबूरोड के वकीलों को बांधी राखी-

आबूरोड बार एसोसिएशन के सदस्यों को ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा रक्षासूत्र बांधा गया। न्यायालय परिसर के बार मंडल कार्यालय में बहनों ने रक्षासूत्र बांधते हुए रक्षाबंधन का आध्यात्मिक रहस्य समझाया तथा राखी बांधी। एडवोकेट बीके श्रद्धा बहन ने कहा कि रक्षाबंधन ही ऐसा बंधन है जिस बंधन में व्यक्ति बंधा रहना चाहता है। अन्य बंधन किसी भी व्यक्ति को पसंद नहीं आते हैं। ज्ञानदीप सेवाकेंद्र की बीके सीमा बहन ने प्रसाद वितरण किया। इस मौके पर बार एसोसिएशन के मंडल अध्यक्ष विक्रम सिंह देवड़ा, उपाध्यक्ष भंवर सिंह राव, कोषाध्यक्ष भरत दादरिया, एडवोकेट शंकरलाल बारोट, धर्मेन्द्र पुरोहित, नरपत सिंह परमार, संजय चौधरी, जितेन्द्र सिंह देवड़ा, अर्जुन दादरिया, गणेश बंजारा, एडवोकेट प्रदीप कुमार सहित अन्य वकील मौजूद रहे।

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