सोशल मीडिया से सामाजिक मूल्यों को बढ़ावा दें: डॉ. नागेंद्र कुमार सिंह
- सोशल मीडिया एन्फलुएंसर रिट्रीट का समापन - देशभर से 350 से अधिक एन्फलुएंसर ने लिया भाग

आबूरोड। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मनमोहिनीवन स्थित ग्लोेबल ऑडिटोरियम में चल रही सोशल मीडिया एन्फलुएंसर रिट्रीट का समापन हो गया। इसमें देशभर से 350 से अधिक एन्फलुएंसर ने भाग लिया। समाज को बदलने में डिजिटल मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित इस रिट्रीट के समापन सत्र में उप्र वनारस के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के निदेशक डॉ. नागेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि हमें चिंता की जगह, चिंतन करने की जरूरत है। जो भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म चलाते हैं उनसे मेरा आग्रह है कि आप चिंतन करते रहिए। समाज के सामने ऐसा कंटेंट प्रस्तुत करते रहें कि वह सामाजिक मूल्यों को बढ़ावा दे। समाज को भारत की गौरवशाली संस्कृति के दर्शन कराए। हमें सोशल मीडिया के माध्यम से आध्यात्मिकता का प्रचार-प्रसार करने की जरूरत है।
सफलता के लिए दिमाग शांत होना जरूरी-
महाराष्ट्र पुणे के राष्ट्रीय पहलवान, एक्टर एवं फिटनेस मॉडल भूषण शिवतारे ने कहा कि मेरे जीवन का अनुभव है कि कोई भी खेल हो, जब पहलवान या कोई भी खिलाड़ी दिमाग शांत रखता है तभी वह अच्छा खेल सकता है। शांत दिमाग से ही हम खेल में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। मेडिटेशन से हमारा दिमाग शांत होता है। खासकर खिलाड़ियों के लिए अध्यात्म और मेडिटेशन से सभी को जुड़ना चाहिए। यहां आकर अद्भुत शांति की अनुभूति हुई।
सही कंटेंट ही पोस्ट करें-
उप्र बलिया की प्रसिद्ध एन्फलुएंसर अस्मिता सिंह ने कहा कि कभी भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के पहले उसकी फैक्ट जांच कर लें कि वह कंटेंट सही है या नहीं। कभी भी फेंक कंटेंट को पोस्ट करने से बचें। यदि आप एन्फलुएंसर हैं तो आपकी जिम्मेदारी है कि लोगों तक सही, सत्य, विश्वसनीय जानकारी पहुंचाएं। ऐसी रिट्रीट में शामिल होकर हमारा जीवन जीने और सोचने का नजरिया बदल जाता है।
लखीमपुर के प्रसिद्ध सोशल मीडिया एन्फलुएंसर लव एवं सलोनी ने कहा कि जब हम आध्यात्मिक जीवन जीने लगते हैं तो जीवन में कुछ चीजें अपने आप होने लगती हैं। अध्यात्म से हमारा देखने के नजरिया बदल जाता है। ब्रह्माकुमारीज़ की लाइफ स्टाइल, यहां का रहन-सहन, भोजन और वातावरण से हमें बहुत सीखने की जरूरत है। हम लोग सोशल मीडिया के जरिए मोटिवेशनल कंटेंट पर ही जोर देते हैं।
आपके हाथों में बड़ी जिम्मेदारी है-
जयपुर के वरिष्ठ पत्रकार राजेश असनानी ने कहा कि अब मास मीडिया से सोशल मीडिया एन्फलुएंसर के हाथों में समाज को दिशा देनी की जिम्मेदारी जा रही है। ब्रह्माकुमारीज़ एक आध्यात्मिक विश्व विद्यालय है। यहां जो आत्मीय चेतना का ज्ञान दिया जाता है, वह हमारे अंदर आंतरिक बदलाव लाता है। एक पत्रकार के नाते मेरे जीवन में ब्रह्माकुमारीज़ के आध्यात्मिक ज्ञान का बहुत बड़ा योगदान है। इस ज्ञान से मेरे जीवन को नई दिशा मिली। मेरा मन शांत हो गया और जीवन सकारात्मक हो गया।
वनारस के एन्फलुएंसर अर्जुन पांडे ने कहा कि एन्फलुएंसर को सपोर्ट देने के लिए हम कार्य कर रहे हैं। ब्रह्माकुमारीज़ के ऐसे आयोजन से लोगों को जीवन में नई दिशा, प्रेरणा और मार्गदर्शन मिलता है। आज के समय में अध्यात्म सबसे जरूरी है। जयपुर की एन्फलुएंसर राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त कोमल गुदान ने कहा कि मेरे लिए यह रिट्रीट जीवन की एक नई यात्रा है। यहां आकर जीवन की अनेक उलझनों का समाधान मिल गया। यहां आकर जो खुशी मिली वह शब्दों में बयां नहीं कर सकती हूं।
यहां से शांति-प्रेम का संदेश लेकर जाएं-
अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा भाई ने कहा कि आप सभी यहां से शांति, प्रेम, आनंद की अनुभूति और संदेश लेकर जाएं। यहां से जाने के बाद जीवन को नई दिशा दें। अपने-अपने कार्यक्षेत्र में सफलता हासिल करें। साथ ही योग और अध्यात्म को बढ़ावा देने और संदेश देने में भी अपना सहयोग करते रहें। पीआरओ बीके कोमल ने कहा कि यदि हमारे कंटेंट से दस लोगों को भी जीवन में नई प्रेरणा मिलती है तो हमारा कंटेंट डालना, वीडियो बनाना, रील बनाना सफल है। आप सभी को यहां आमंत्रित करने का यही लक्ष्य है कि आपका जीवन सकारात्मक और प्रेरक बने।
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके डॉ. सविता दीदी ने राजयोग मेडिटेशन से सभी को गहन शांति की अनुभूति कराई। मुंबई की क्रिएटिव डायरेक्टर नीता थडानी, मीडिया विंग के राष्ट्रीय समन्वयक बीके सुशांत भाई, संस्थान के सोशल मीडिया समन्वयक बीके रोहित भाई ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन डॉ. बीके रीना दीदी ने किया।
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