गांव से गगन तक डॉ. प्रवीण गर्ग की प्रेरणादायक उड़ान राजकीय चिकित्सा सेवा में 24 वर्ष की आयु में चयन, जिला स्तर पर हुए सम्मानित
सिरोही, 18 जुलाई ! शिक्षा, सेवा और समर्पण की मिसाल बनकर उभरे सिरोही जिले के बरलूट गांव निवासी डॉ. प्रवीण गर्ग ने अपनी प्रतिभा, अनुशासन और दृढ़ संकल्प के बल पर मात्र 24 वर्ष की आयु में चिकित्सा अधिकारी के पद पर चयनित होकर पूरे जिले का मान बढ़ाया है। यह उपलब्धि उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, राजस्थान द्वारा आयोजित मेडिकल ऑफिसर प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर हासिल की।

डॉ. प्रवीण गर्ग की यह सफलता न केवल व्यक्तिगत विजय है, बल्कि ग्रामीण परिवेश से आने वाले हजारों युवाओं के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आदर्श विद्या मंदिर, बरलूट से प्राप्त की, जहाँ कक्षा 10 में जिला स्तर पर छठा स्थान प्राप्त कर अपनी विलक्षण प्रतिभा का परिचय दिया। तत्पश्चात वर्ष 2018 में उन्होंने पहले ही प्रयास में नीट परीक्षा उत्तीर्ण कर राजकीय मेडिकल कॉलेज, कोटा में प्रवेश लिया और पूरी निष्ठा से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की।
डॉ. प्रवीण गर्ग की सफलता के पीछे उनका मजबूत पारिवारिक आधार भी रहा है। उनके पिता श्री वगताराम गर्ग एक आदर्श शिक्षक हैं, जिन्होंने अपने परिवार में शिक्षा, अनुशासन और नैतिक मूल्यों की नींव रखी। मां एक शांत, सहयोगी और प्रेरणादायक गृहिणी हैं, जिनका त्याग और प्रेम हमेशा संबल बना रहा। बड़े भाई डॉ. हितेश गर्ग, जो स्वयं वर्ष 2012 में उदयपुर के राजकीय मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर चुके हैं, डॉ. प्रवीण के जीवन के पथप्रदर्शक रहे। उनके अन्य भाई श्री रणछोड़ कुमार गर्ग, आर.ए.एस. में चयनित होकर वर्तमान में परिवीक्षा एवं कारागृह कल्याण अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। वहीं, उनकी छोटी बहन लीला गर्ग राजकीय मेडिकल कॉलेज, उदयपुर में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं। यह संपूर्ण परिवार शिक्षा और सेवा के मूल्यों से अनुप्राणित एक प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत करता है।
डॉ. प्रवीण गर्ग का मानना है कि एक चिकित्सक का कर्तव्य केवल रोग का इलाज करना नहीं, बल्कि मरीज को विश्वास, संवेदना और करुणा के साथ देखना भी होता है। वे चिकित्सा को सेवा का माध्यम मानते हैं और भविष्य में समाज के वंचित व जरूरतमंद तबकों के बीच कार्य करने की अभिलाषा रखते हैं।
उनकी यह यात्रा यह सिद्ध करती है कि सीमित संसाधनों और साधारण परिवेश में भी यदि संकल्प प्रबल हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। डॉ. प्रवीण आज न केवल एक सफल चिकित्सक हैं, बल्कि वे उन सभी युवाओं के लिए आशा और प्रेरणा का स्रोत हैं, जो मेहनत, समर्पण और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने का स्वप्न देखते हैं।
सफलता को सराहा : उनकी इस विशिष्ट उपलब्धि को सम्मानित करते हुए, राज्य सरकार द्वारा 17 जुलाई 2025 को आयोजित सहकार एवं रोजगार उत्सव कार्यक्रम के दौरान उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जिला प्रमुख, जिला कलेक्टर तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद द्वारा उन्हें बंधाई संदेश, प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया।