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लोगों को नशामुक्त करने सिखा रहे आध्यात्मिक, मनोवैज्ञानिक और व्यावहारिक उपाय

मेडिकल विंग का नशामुक्ति प्रशिक्षण जारी, भाग लेने देशभर से पहुंचे लोग

 नशे से ग्रसित लोगों को नशामुक्त करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता सीख रहे तकनीक

आबूरोड, राजस्थान। नशामुक्त भारत अभियान के अंतर्गत ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिकल विंग द्वारा मान सरोवर परिसर में राष्ट्रीय नशामुक्ति प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। इसमें देशभर से 300 से अधिक डॉक्टर, सामाजिक कार्यकर्ता, युवा प्रतिनिधि एवं राजयोग शिक्षक भाग ले रहे हैं। इस दौरान सभी को स्थानीय स्तर पर नशे से ग्रसित लोगों की काउंसलिंग करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही नशे से पीड़ित व्यक्तियों की सहायता के लिए आध्यात्मिक, मनोवैज्ञानिक एवं व्यावहारिक उपायों की जानकारी दी जा रही है।

प्रशिक्षण में अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा भाई ने कहा कि नशा आज देशव्यापी समस्या बन गया है, लेकिन मेडिकल विंग के सतत प्रयासों से शहरों से लेकर गांवों में लोगों में नशे के प्रति जन-जागरुकता आ रही है। यह बहुत ही सराहनीय सेवा है। आध्यात्मिक ज्ञान के कारण आज हजारों लोग नशा छोड़कर राजयोगी लाइफ स्टाइल अपना चुके हैं।

चार करोड़ लोगों को दिलाई नशामुक्ति की शपथ-

अतिरिक्त महासचिव बीके डॉ. मृत्युंजय भाई ने कहा कि जीवन मूल्य सिखाने में ब्रह्माकुमारी संस्था की महत्वपूर्ण भूमिका है। नशा हमारे समाज की जड़ों को खोखला कर रहा है। सरकार के साथ मिलकर देशभर के चार करोड़ लोगों को ब्रह्माकुमार भाई-बहनों ने नशामुक्ति की शपथ दिलाई है, जिसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं। प्रशिक्षण के संयोजक व मेडिकल विंग के सचिव डॉ. बनारसी लाल साह ने कहा कि मेडिकल विंग द्वारा चलाया जा रहा नशामुक्त भारत अभियान आज जन आंदोलन बन गया है। पूरे देश में लोग बड़े ही उत्साह के साथ इसमें भाग ले रहे हैं। हजारों लोगों ने अभियान से प्रेरणा लेकर नशा छोड़ा है।

सामूहिक प्रयासों से ही समाज होगा नशामुक्त-

राजस्थान, तंबाकू नियंत्रण के नोडल अधिकारी डॉ. एसएन धौलपुरिया ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ का मेडिकल विंग नशामुक्ति के क्षेत्र में बहुत ही सराहनीय कार्य कर रही है। नशामुक्ति समाज व सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से ही संभव है। बिना सामूहिक प्रयासों के समाज को नशामुक्त करना कठिन कार्य है। सीएमओ डॉ. दिनेश कुमार, दिल्ली से आए डॉ. स्वप्न गुप्ता, मुंबई के डॉ. सचिन परब ने भी अपने विचार व्यक्त किए। प्रशिक्षण के दौरान व्याख्यान, प्रेरक सत्र, इंटरैक्टिव वर्कशॉप एवं सेल्फ रियलाइजेशन की टेक्नीक सिखाई जाएगी। संचालन बीके डॉ. मनीषा बहन ने किया।

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