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अध्यात्म के बिना अंदर की चेतना को जगाना संभव नहीं है: राज्य मंत्री केके विश्नोई

समाजसेवा प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन

समाज की समृद्धि में आध्यात्मिकता की भूमिका विषय पर आयोजित किया गया सम्मेलन

आबूरोड। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के समाजसेवा प्रभाग द्वारा आनंद सरोवर परिसर में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन एवं रिट्रीट का समापन हो गया। सम्मेलन समाज की समृद्धि में आध्यात्मिकता की भूमिका विषय पर आयोजित किया गया। इसमें भारत सहित नेपाल से एक हजार से अधिक समाजसेवियों ने भाग लिया।

समापन समारोह में राजस्थान सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य, युवा मामले एवं खेल, कौशल नियोजन, उद्यमिता एवं नीति निर्माण विभाग के राज्य मंत्री व जिले के प्रभारी मंत्री केके विश्नोई ने कहा कि हमारी पार्टी अध्यात्म को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही है। समाज में तेज गति से बढ़ते इस दौर में आज हम अध्यात्म को भूलते जा रहे हैं। अध्यात्म जीवन में बहुत महत्वपूर्ण है। ब्रह्माकुमारीज़ लगातार सिर्फ आबू ही नहीं बल्कि पूरे राज्य और देशभर में व्यापक स्तर पर जन-जन तक लोगों को आध्यात्मिक संदेश पहुंचा रही है। संस्थान हर वर्ग के उत्थान के लिए सेवा कार्य कर रही है। यहां समय प्रति समय अनेक राष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है। प्रतिस्पर्धा के इस दौड़ में अक्सर युवा साथी गलत कदम उठा लेते हैं। संस्थान आने वाले समय में स्कूल-कॉलेज में भी ऐसे मोटिवेशनल आयोजन करे, ताकि विद्यार्थियों को लाभ मिल सके। आज समाज में लोगों को सकारात्मक दिशा में अभिप्रेरणा की बहुत आवश्यकता है। यहां देश-विदेश से लोग एक ही उद्देश्य लेकर पहुंचे हैं कि समाज की समृद्धि में आध्यात्मिकता की महती भूमिका में शामिल हुए हैं।

त्याग-तपस्या से सेवा कठिन नहीं लगती है-

ब्रह्माकुमारीज़ की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने कहा कि जब जीवन में त्याग और तपस्या की भावना होती है तो हम दूसरों की सेवा बेहतर तरीके से कर पाते हैं। परमात्मा कहते हैं कि तुम सभी मनुष्य आत्माएं मेरे बच्चे हो। परमात्मा हम सबको कोई तकलीफ नहीं देते हैं। हम अपने कर्मों के अनुसार ही सुख-दुख पाते हैं। परमात्मा कहते हैं अपनी इच्छाओं को त्यागकर अपने मन-बुद्धि को मुझ एक परमात्मा में लगाओ। जब हम अपनी बुद्धि के समर्पण से परमात्मा पर अर्पित हो जाते हैं तो हैं परमात्म शक्ति की महसूसता होने लगती है। हमें परमात्म प्यार में त्याग-तपस्या और सेवा कठिन नहीं लगती है, बल्कि वह आसान हो जाती है। अपने विवेक को ऐसा स्पष्ट बनाएं कि मेरे लिए क्या सही है, क्या गलत है।

अतिरिक्त महासचिव राजयोगी बीके करुणा भाई ने कहा कि आप सभी जब यहां से जाएंगे तो जीवन में सुखी रहने का एक मंत्र लेकर जाएंगे। क्योंकि यहां से सभी को परमात्मा को याद करने की विधि सिखाई जाती है। परमात्मा की याद से ही आत्मा को संतुष्टि, शांति और आनंद की प्राप्ति होती है। ईश्वर ने इस सृष्टि को बनाया है। हमने प्रकृति के पांचों तत्वों का उपयोग किया है। जीवनभर प्रकृति से लिया है।

25 अगस्त को देशभर में चलाया जाएगा रक्तदान अभियान-

ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा 25 अगस्त को संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी प्रकाशमणि दादी के पुण्य स्मृति दिवस (विश्व बंधुत्व दिवस) के उपलक्ष्य में देशव्यापी रक्तदान अभियान चलाया जाएगा। इसके बारे में प्रभाग के केरल के राज्य संयोजक डॉ. ई.वी. स्वामीनाथन भाई ने बताया कि हम जितनी गहरी सांस लेते हैं तो फेफड़े उतनी ज्यादा ऑक्सीजन को लेते हैं। लेकिन जब तनाव में होते हैं तो फेफड़े कम ऑक्सीजन लेते हैं। जब हम शुद्ध, सात्विक और शाकाहारी भोजन करते हैं तो रक्त भी शुद्ध होता है। सात्विक भोजन से बने रक्त में सकारात्मक ऊर्जा होती है। जब हम गुस्सा करते हैं तो रक्त एसीडिक हो जाता है। वहीं जब शांत रहते हैं और मेडिटेशन करते हैं तो रक्त एल्कलाइन होता है। एल्कलाइन ब्लड होने से हम बीमारियों से दूर रहते हैं।

कलाकारों ने दी सुंदर प्रस्तुति-

समाजसेवा प्रभाग के उपाध्यक्ष गुलबर्गा के बीके प्रेम भाई ने कहा कि हम सभी आत्माएं चैतन्य शक्ति हैं और शरीर से भिन्न हैं। ब्रह्माकुमारीज़ पिछले 90 साल से लोगों को आत्मा के अस्तित्व की बात बता रहा है। आत्मा अविनाशी है। मृत्यु शरीर की होती है, लेकिन आत्मा एक शरीर छोड़कर दूसरा जन्म लेती है। उप्र गोरखपुर की प्रभाग की क्षेत्रीय समन्वयक बीके पारुल बहन ने सभी को राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से गहन शांति की अनुभूति कराई। अमरावती से आए कलाकारों ने सुंदर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। संचालन पश्चिम विहार दिल्ली की बीके सरिता बहन ने किया।

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