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पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना में बागवानी फसल वार बीमित राशि एवं प्रीमियम दरें

जयपुर : सिरोही

अरंडी अधिसूचित बीमा इकाई गिरदावर सर्किल बीमित राशि प्रति है. (रूपये में) 53218 तथा कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि प्रति है.(रूपये में) 2660.90 रूपये।

हरी मिर्च अधिसूचित बीमा इकाई गिरदावर सर्किल बीमित राशि प्रति है. (रूपये में) 85476 तथा कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि प्रति है.(रूपये में) 4293.80 रूपये।

टिण्डा अधिसूचित बीमा इकाई गिरदावर सर्किल बीमित राशि प्रति है. (रूपये में) 88000 तथा कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि प्रति है.(रूपये में) 4400 रूपये।

टमाटर अधिसूचित बीमा इकाई गिरदावर सर्किल बीमित राशि प्रति है. (रूपये में) 104963 तथा कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि प्रति है.(रूपये में) 5248.15 रूपये।

अनार अधिसूचित बीमा इकाई गिरदावर सर्किल बीमित राशि प्रति है. (रूपये में) 87189 तथा कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि प्रति है.(रूपये में) 4359.45 रूपये।

इस योजना के अन्तर्गत फसली ऋण लेने वाले कृषक गैर ऋणी कृषक एवं बंटाईदार कृषकों द्वारा फसलों का बीमा करवाया जा सकेगा। बंटाईदार कृषकों के संबंध में स्पष्ट किया गया है कि कृषक जिस जिले में स्वयं रहता है उसी जिले की परीधि क्षैत्र में बंटाई की भूमि ही मान्य होगी। ऋणी कृषकों के प्रीमियम बैंकों द्वारा राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर दिए गए। इंटरफेस पीएवाईजीओवी के माध्यम से जमा कराने की अंतिम तिथि 15 अगस्त 2025 है। गैर ऋणी कृषकों को ऑनलाइन बीमा प्रस्ताव की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 है। सभी गैर ऋणी कृषक अपना बीमा प्रस्ताव निकटतम सीएससी के माध्यम से अथवा बीमा कंपनी के अधिकृत बीमा एजेंट के माध्यम से बीमा करा सकते है। इस हेतु आवश्यक दस्तावेज यथा जमाबंदी की नवीनतम नकल, स्वयं सत्यापित घोषणा पत्र जिसमें प्रत्येक खसरा सं. का कुल क्षे. प्रस्तावित फसल का बुवाई क्षैत्र, मालिक का नाम एवं बीमा हित का प्रकार (स्वयं परिवार एवं बंटाई) अंकित कर, बैंक खाता पासबुक की प्रति, बंटाईदार कृषक संबंधित खातेदार के द्वारा जमीन बंटाई पर दी गई है का शपथ पत्र बंटाईदार कृषक के स्वयं का राजस्थान का मूल निवास प्रमाण पत्र, बंटाई पर लेने वाले व देने वाले कृषक का आधार कार्ड की स्वयं सत्यापित प्रति अपलोड करना आवश्यक है। संयुक्त निदेशक ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अन्तर्गत खरीफ 2025 में ऋणी कृषकों का बीमा स्वेच्छिक आधार पर किया जाएगा, अगर कोई ऋणी कृषक अपना बीमा नही करवाना चाहते है तो वह संबंधित बैंक में सम्पर्क कर निर्धारित प्रारूप में बीमा नही करने का लिखित आवेदन 24 जुलाई से पहले देना होगा साथ ही बीमित फसलों में परिवर्तन की सूचना संबंधित बैंक/वित्तीय संस्थाओं को 29 जुलाई तक देना सुनिश्चित करें। अधिक जानकारी के लिए क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक/सहा. कृषि अधिकारी, बीमा कंपनी के प्रतिनिधि अथवा निकटतम कृषि विभाग के कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता है।

फसल बीमा करवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज – आधार कार्ड/बैंक पासबुक/जमाबंदी/स्वयं द्वारा प्रमाणित फसल बुवाई प्रमाण पत्र व मोबाईल नम्बर।

इन स्थितियों में कवर होगा बीमा – फसल कटाई के बाद आगामी 14 दिन तक खेत में सुखाने के लिए रखी गई अधिसूचित फसल को।

ओलावृष्टि, चक्रवात, चक्रवाति वर्षा, बेमौसम वर्षा होने की स्थिति में व्यक्तिगत आधार पर मिलेगी क्षतिपूर्ति। फसल खराबे की सूचना 72 घंटे के भीतर कृषि रक्षक पोर्टल के टोल फ्री नम्बर 14447 पर शिकायत दर्ज करवानी होगी।

बीमा कंपनी को फसल की क्षति आंकलन के लिए विभाग की और से जारी पोस्ट होवेस्ट लोसेस की निर्धारित मानक प्रक्रिया की अनुपालना अनिवार्य रूप से की जाएगी।

फसल बीमा चैट नम्बर 7065514447 ।

आबूरोड स्टोन क्रेशर एसोसिएशन के द्वारा हरियालों राजस्थान अभियान के तहत अग्रवाल गौशाला मावल में किया वृक्षारोपण

सिरोही, 10 जुलाई। जिला प्रशासन तथा खान एवं भूविज्ञान विभाग व राजस्थान राज्य प्रदुषण नियत्रंण मण्डल सिरोही के संयुक्त तत्वावधान में तहसील आबूरोड़-वाड़ा, किवरली, मोरथला, आबूरोड मेसनरीस्टोन एण्ड लाईमस्टोन खनन पट्टा व समस्त स्टोन क्रेशर खनन पट्टाधारियों के द्वारा वर्ष 2025 में गुरूवार को ग्राम मावल की अग्रवाल गौशाला परिसर में 2000 छायादार एवं फलदार पेड़-पौधों को लगाने के लिए वृक्षारोपण के कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर खनि अभियंता चन्दन कुमार, राज. राज्य प्रदुषण नियंत्रण मण्डल के क्षैत्रीय अधिकारी बी.आर. सियाग एवं खननपट्टा/क्रेशर पट्टधारी बाबुभाई पटेल, सतीश अग्रवाल, रोनक गर्ग, गितेन्द्र यादव, प्रवीण कुमार अग्रवाल, केशव केसिंग कम्पनी आबूरोड, गुजरात क्रेसिंग कम्पनी आबूरोड, बाबा क्रेसिंग कम्पनी आबूरोड, आदि पट्टाधारी कलस्टर पिण्डवाडा-आबूरोड के उपस्थित रहे।

इस मौके पर खनि अभियंता चन्दन कुमार के द्वारा अवगत कराया गया कि निदेशालय उदयपुर के द्वारा कार्यालय को मानसुन सत्र में कुल 40000 पौधे लगाये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके तहत वृक्षारोपण हेतु आवश्यक निर्देश पट्टेधारियों को दिये जा रहे जिसके तहत ही आज यहां वृक्षारोपण किया जा रहा है, साथ ही समस्त पट्टेधारियों को इन पौधों की नियमित रूप से देखभाल करने का भी कहा गया।

इस कार्यक्रम में राजस्थान राज्य प्रदुषण नियंत्रण मण्डल के क्षैत्रीय अधिकारी बी.आर. सियाग द्वारा पर्यावरण जागरूकता के तहत पॉलिथिन के उपयोग से होने वाले पर्यावरण के नुकसान के बारे मे जानकारी दी एवं भविष्य में पॉलिथिन का उपयोग न करके कपड़ें की थैली का उपयोग करने की अपील की व कपड़ें की थैलीयों का वितरण किया गया।

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