राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को संसद रत्न अवार्ड, उत्कृष्ट योगदान के लिए मिला सम्मान
नई दिल्ली: देश की संसदीय प्रणाली को सशक्त बनाने में विशिष्ट योगदान देने वाले राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को इस वर्ष का "संसद रत्न अवार्ड" प्रदान किया गया है. यह सम्मान उन्हें संसद में उनके उत्कृष्ट कार्य, जनहित के मुद्दों पर सक्रियता और विधायी योगदान के लिए दिया गया.

यह पुरस्कार पार्लियामेंट्री रिसर्च संस्था प्राइम पॉइंट फाउंडेशन द्वारा स्थापित किया गया है और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के मार्गदर्शन में प्रारंभ किया गया था. इसका उद्देश्य लोकतांत्रिक प्रणाली में उत्कृष्ट संसदीय कार्य को मान्यता देना है.
पुरस्कार वितरण समारोह और जूरी चयन:
नई दिल्ली के न्यू महाराष्ट्र सदन में आयोजित पुरस्कार समारोह में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेण रिजीजू ने राज्यसभा सांसद मदन राठौड़ को यह सम्मान प्रदान किया. इस अवसर पर देश भर के वरिष्ठ सांसद, नीति निर्माता और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे. राज्यसभा की ओवरऑल कैटेगरी में चयनित मदन राठौड़ को यह पुरस्कार संसद के सत्रों में लगातार उपस्थिति, प्रभावशाली बहसों, प्रश्नों, जनहित याचिकाओं और सामाजिक व विकासात्मक मुद्दों को मजबूती से उठाने के लिए दिया गया. इस चयन प्रक्रिया का नेतृत्व राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री हंसराज अहिर की अध्यक्षता में बनी एक प्रतिष्ठित जूरी ने किया था. चयन प्रक्रिया 18वीं लोकसभा की पहली बैठक से लेकर बजट सत्र 2025 (भाग-द्वितीय) तक के कार्य प्रदर्शन के आधार पर पारदर्शी व तथ्यों पर आधारित रही.
सम्मान को बताया जिम्मेदारी का प्रतीक:
सम्मान मिलने पर सांसद मदन राठौड़ ने कहा, “यह सम्मान प्रदेश की जनता की सेवा का परिणाम है. मैं सदैव जनहित और राष्ट्रहित में कार्य करता रहूंगा. यह पुरस्कार मुझे और अधिक जिम्मेदारी से कार्य करने की प्रेरणा देता है.” उन्होंने कहा कि यह सम्मान न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि उन सभी जनप्रतिनिधियों के लिए प्रेरणा है जो लोकतंत्र को मजबूती देने के लिए समर्पित हैं. उन्होंने आगे कहा कि एक जनप्रतिनिधि का दायित्व है कि वह समाज से जुड़ी समस्याओं और जनहित के मुद्दों को सदन में मजबूती से रखे. जनता द्वारा सौंपे गए दायित्व को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से निभाना आवश्यक है.
कुल 17 सांसद और 2 समितियों को मिला सम्मान:
इस वर्ष संसद रत्न अवार्ड के लिए देशभर से कुल 17 सांसदों और 2 संसदीय समितियों का चयन किया गया. पुरस्कार पाने वालों में ओडिशा से भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब, केरल से आरएसपी सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन, महाराष्ट्र से एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले, शिवसेना सांसद श्रीरंग अप्पा बारणे, भाजपा सांसद स्मिता उदय वाघ, शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद गणपत सावंत शामिल हैं. इसी के साथ शिवसेना सांसद नरेश गणपत म्हस्के, कांग्रेस सांसद वर्षा एकनाथ गायकवाड़, भाजपा सांसद डॉ. मेधा विश्राम कुलकर्णी, उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद प्रवीण पटेल और रवींद्र किशन शुक्ला, झारखंड से भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे और विद्युत बरन महतो, राजस्थान से सांसद पीपी चौधरी, तमिलनाडु से डीएमके सांसद सीएन अन्नादुरई और असम से भाजपा सांसद दिलीप सैकिया भी शामिल हैं.