स्कूल की छत का प्लास्टर गिरा, बड़ा हादसा टला; जर्जर भवन से छात्र-छात्राओं में दहशत
राजस्थान के सिरोही जिले के आबूरोड क्षेत्र में स्थित लुनियापुरा के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में सोमवार सुबह रसोई और लॉबी की छत का प्लास्टर अचानक गिर गया। घटना के वक्त वहां कोई मौजूद नहीं था, जिससे बड़ा हादसा टल गया।

आबूरोड के लुनियापुरा स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में सोमवार सुबह एक बड़ा हादसा टल गया। स्कूल की रसोई और लॉबी की छत का प्लास्टर अचानक गिर पड़ा। हादसे के वक्त वहां कोई मौजूद नहीं था, जिससे जानमाल की हानि टल गई। लेकिन इस घटना से स्कूल के छात्र-छात्राओं और स्टाफ में दहशत का माहौल बना हुआ है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि विद्यालय भवन की हालत बेहद जर्जर है, जिसकी जानकारी कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। क्षेत्रवासियों को आशंका है कि कहीं यहां भी झालावाड़ जैसी दर्दनाक घटना की पुनरावृत्ति न हो जाए, जहां हाल ही में स्कूल की छत गिरने से सात मासूम बच्चों की जान चली गई थी।
16 में से 16 कमरे जर्जर, हादसे की आशंका
ग्रामीणों द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में बताया गया है कि वार्ड 39 के इस विद्यालय में कुल 19 कमरे हैं, जिनमें से 16 की स्थिति खस्ताहाल है। सोमवार सुबह करीब 8 बजे स्कूल की रसोई और प्रार्थना स्थल लॉबी में अचानक प्लास्टर गिर पड़ा। घटना के वक्त वहां कोई मौजूद नहीं था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। लोगों ने शिक्षा विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जताई और तत्काल मरम्मत की मांग की।
सांसद बोले – पीपलोदी जैसे हादसों की पुनरावृत्ति नहीं होगी
उधर, सिरोही से सांसद लुम्बाराम चौधरी ने रविवार को एक पत्रकार वार्ता में कहा कि पीपलोदी हादसे के बाद सरकार पूरी तरह से सतर्क है और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर राज्यभर के सरकारी स्कूलों, छात्रावासों, चिकित्सा भवनों, कॉलेजों, सड़कों और पुलों की सुरक्षा की समीक्षा के लिए विशेष स्थाई समितियां गठित की गई हैं।
सांसद ने बताया कि यह समितियां हर साल 15 जून से पहले सभी असुरक्षित भवनों और संरचनाओं की मरम्मत का कार्य पूरा करवाना सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि लापरवाही बरतने वाले किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।
लोगों की मांग – तुरंत हो भवनों की मरम्मत
घटना के बाद अभिभावकों और स्थानीय लोगों की मांग है कि स्कूलों की जर्जर इमारतों की तत्काल जांच हो और आवश्यक मरम्मत कार्य कराया जाए। लोगों का कहना है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी सुरक्षित माहौल के हकदार हैं और इस दिशा में सरकार को त्वरित और प्रभावी कदम उठाने होंगे।
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