महाराष्ट्र से आए एक हजार लोगों को कराया नशामुक्ति का संकल्प
- मेडिकल विंग की ओर से देशभर में चलाया जा रहा है नशामुक्त भारत अभियान - राजयोग मेडिटेशन शिविर में भाग मुख्यालय पहुंचे लोग

आबूरोड (राजस्थान)। ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के आनंद सरोवर परिसर में आयोजित राजयोग मेडिटेशन शिविर में महाराष्ट्र से आए एक हजार लोगों को नशामुक्ति का संकल्प कराया गया। महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों से यह लोग राजयोग ध्यान सीखने के लिए मुख्यालय शांतिवन पहुंचे हैं। इस दौरान सभी को हाथ उठाकर जीवन में सदा नशे से दूर रहने, अपने आसपास नशाग्रस्त लोगों की काउंसलिंग कर उन्हें इसे बुराई से दूर करने और सामाजिक जागृति फैलाने का संकल्प कराया गया।
इस दौरान मेडिकल विंग के सचिव डॉ. बनारसी लाल ने कहा कि शराब, तंबाकू, ड्रग्स सीधे मस्तिष्क और स्नायु तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे त्वरित निर्णय क्षमता, स्मरण शक्ति और संतुलन प्रभावित होते हैं। नशे से शरीर में डोपामिन, सेरोटोनिन जैसे रसायनों का असंतुलन हो जाता है, जिससे खुशी की प्राकृतिक अनुभूति कम हो जाती है और व्यक्ति को फिर से नशे की आवश्यकता महसूस होती है। कुछ रिसर्च के अनुसार लगातार नशा शरीर की जीन संरचना को भी प्रभावित करता है, जिससे अगली पीढ़ी पर भी असर हो सकता है। नशा एक ऐसा अंधकार है जो शरीर की ऊर्जा, मन की स्थिरता और आत्मा की दिव्यता को खत्म कर देता है। यदि समाज को स्वस्थ, सुखी और सद्गुणी बनाना है तो नशा-मुक्त जीवन ही एकमात्र उपाय है।
आत्मा की शुद्धता होती है क्षीण-
उन्होंने कहा कि नशा व्यक्ति को बाहरी पदार्थों पर निर्भर बना देता है। जिससे आत्मा की शुद्धता और शक्ति क्षीण होती है। नशे की अवस्था में व्यक्ति का चित्त अस्थिर होता है जिससे वह ईश्वर, आत्मा और सच्चे ज्ञान से दूर हो जाता है। नशा व्यक्ति को पापात्मक कर्मों की ओर प्रेरित करता है। जैसे झूठ बोलना, चोरी, हिंसा आदि, जिससे उसकी आत्मिक स्थिति और गिरती जाती है। नशे से सोचने, निर्णय लेने और समस्याओं को हल करने की क्षमता में कमी आती है। साथ ही पढ़ाई, नौकरी, व्यवसाय या ध्यान-साधना आदि किसी भी कार्य में मन एकाग्र नहीं हो पाता है। नशे के कारण परिवार, मित्र और सामाजिक जीवन में दूरी के साथ अविश्वास आ जाता है।
ढाई साल से जारी है नशामुक्त भारत अभियान-
बता दें कि ब्रह्माकुमारीज के मेडिकल विंग और भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग द्वारा एक एमओयू साइन किया गया है। इसके तहत पिछले ढाई साल से नशामुक्त भारत अभियान देशभर में चलाया जा रहा है। नशे की गिरफ्त में फंसे युवाओं की व्यक्तिगत स्तर पर काउंसलिंग कर उन्हें सात्विक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। देशभर में बड़े स्तर पर कार्यक्रम, रैली, सभा, सम्मेलन, संगोष्ठी के माध्यम से लोगों को नशे के प्रति जागरूक किया जा रहा है।