दिल्ली NCRदुनियादेश
ईरान के मिसाइल अटैक को अमेरिकी एयर डिफेंस सिस्टम ने किया नाकाम, क्या हो गई ट्रंप की एंट्री?
नई दिल्ली:

नई दिल्ली: ईरान और इजराइल के बीच युद्ध ने नया मोड़ ले लिया है। ऐसा लग रहा है कि ईरान-इजरायल जंग में अब अमेरिका की एंट्री हो गई है. कारण कि अमेरिकी एयर डिफेंस सिस्टम पर ईरानी मिसाइल हमले में नाकामी शुरू हो गई है। ईरान के अमेरिकी एयर डिफेंस सिस्टम ने हवाई हमले में ही इंटरसेप्ट कर दिया। इसकी वजह से इजराइल में बड़ा नुकसान हुआ। इजरायली मीडिया ने यह दावा मध्य पूर्व में किया और पेश किया।
ईरान-इजरायल के युद्ध में अमेरिका का प्रवेश द्वार क्या था:
इज़रायली मीडिया सिद्धांत के अनुसार, ईरान की ओर से इज़रायल ने नवीनतम बैलिस्टिक मिसाइलें और हमले किए, अमेरिकी एयर डिफेंस सिस्टम को नाकाम कर दिया। ईरान का यह हमला उत्तरी और मध्य इज़रायल पर छोड़ दिया गया था। इसमें बैलिस्टिक बैलिस्टिक मिसाइलें और सूर्यास्त शामिल थे। इजराइल के आयरन डोम और डेविड स्लिंग ने अमेरिका के पैट्रियट और थाड सिस्टम के साथ मिलकर ज्यादातर मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया। इससे साफ हो गया कि ईरान संग युद्ध में अब अमेरिका भी कूद पड़ा है।
अवास्तविक ने दिए हमलों को मंजूरी :
ये खबर ऐसे वक्त में आई है, जब डोनाल्ड कतले ने साफ कर दिया था कि ईरान-इजरायल जंग में भी कुछ हो सकता है. अमेरिका कभी भी हमला कर सकता है. एथलिट में दावा किया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ख्तेल ने ईरान में एक गुप्त बैठक में हमले के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि अमेरिकी सेना के विमान और नौसेना के बेड़े को दूसरे सेफ स्थान पर निशाना बनाया जा रहा है, जिससे माना जा रहा है कि कहीं न कहीं ईरान पर भी हमला हो सकता है।
तेल अवीव से तेहरान तक: रिकॉर्ड
इधर, तेल अवीव और हाइफा में ईरानी हवाई हमलों की चेतावनी के बाद नागरिकों को बम शेल्टर में जाने के निर्देश दिए गए। उधर इजराइल ने भी ईरान पर पलटवार किया है। इजराइल ने जवाबी कार्रवाई में तेहरान में सैन्य बलों पर हवाई हमले किए, जिसमें लॉन्च किए गए मिसाइल और विध्वंसक भंडार नष्ट हो गए। सोसाती, अभी तेहरान में लिबरल का तानाशाह है।
मध्य पूर्व में विनाश:
ईरानी मीडिया के दावे तो इजरायली मैथ्यूज से कई मस्जिदें जमींदोज हो चुके हैं लोग शहर छोड़कर भाग रहे हैं। अब जब इजरायल-ईरान युद्ध में अमेरिकी प्रवेश के संकेत मिल रहे हैं, तो इसका मतलब है कि मध्य पूर्व में अब बड़ी तबाही होगी। हर ओर त्राहिमाम्-त्राहिमाम् होगा। शिक्षकों का मानना है कि यह अब पूरा मिडिल जंग ईस्ट के मैदान में बदला जा सकता है।