महाराष्ट्र

पुणे पुल हादसा: PM मोदी ने CM फडणवीस को किया कॉल, खरगे बोले- जवाबदेही जरूरी

पुणे में हुए पुल हादसे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसी रोकी जा सकने वाली आपदाएं सत्ता में बैठे लोगों से सार्थक प्रश्न पूछे जाने की मांग करती हैं.

महाराष्ट्र के पुणे में मावल तहसील अंतर्गत कुंडमाला गांव के पास रविवार (15 जून, 2025) को इंद्रायणी नदी पर बना पुल ढह गया. पुल ढहने से हुई मौतों का आंकड़ा बढ़कर 3 हो गया है, जबकि 38 लोगों को अबतक रेस्क्यू किया जा चुका है. इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी शोक प्रकट किया है.

पुणे में हुए इस हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो इस समय साइप्रस दौरे पर हैं, उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से फोन पर बात की. फडणवीस ने उन्हें प्रभावित लोगों की सहायता के लिए चल रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी है.

अमित शाह ने क्या कहा ?
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रविवार को पोस्ट कर कहा कि पुणे के तालेगांव में इंद्रायणी नदी पर पुल ढहने की दुखद घटना से बहुत दुखी हूं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बात की और जमीनी हालात के बारे में जानकारी ली. आस-पास तैनात NDRF की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं, बचाव अभियान में शामिल हुईं और तत्परता से कई लोगों की जान बचाई. जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति हार्दिक संवेदना. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.

मल्लिकार्जुन खरगे ने की जवाबदेही की मांग 
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि पुणे जिले के इंदौरी के तालेगांव के पास इंद्रायणी नदी पर पुल का गिरना एक बहुत ही दुखद और टालने योग्य त्रासदी है. मेरी हार्दिक संवेदनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं और मैं नदी की धारा में बह गए पर्यटकों के शीघ्र स्वस्थ होने और उनकी कुशलता की प्रार्थना कर रहा हूं. मैं बचाव दल के अथक समर्पण को सलाम करता हूं जो प्रभावित लोगों का पता लगाने और उन्हें बचाने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मैं इस विनाशकारी घटना में घायल हुए कई लोगों के शीघ्र और पूर्ण स्वस्थ होने की भी कामना करता हूं. इस भारी क्षति पर शोक व्यक्त करते हुए यह महत्वपूर्ण है कि हम जवाबदेही की मांग करें.

सरकार पर निशाना साधते हुए खरगे ने कहा कि ऐसी रोकी जा सकने वाली आपदाएं सत्ता में बैठे लोगों से सार्थक प्रश्न पूछे जाने की मांग करती हैं. यह आवश्यक है कि इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार पाए जाने वाले सभी व्यक्तियों को कानून की पूरी ताकत के तहत जवाबदेह ठहराया जाए.

 

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