भीलवाड़ा में खाद फैक्ट्री पर कृषि विभाग की बड़ी कार्रवाई, 300 मीट्रिक टन खाद की बिक्री पर रोक
भीलवाड़ा, 22 जून। राजस्थान सरकार ने राज्य में कृषि क्षेत्र की गुणवत्ता सुधारने को लेकर सख्त रुख अपनाया है। इसी कड़ी में रविवार को भीलवाड़ा जिले की ओस्तवाल फोसकेम इंडिया लिमिटेड खाद निर्माण फैक्ट्री पर कृषि विभाग की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर 300 मीट्रिक टन खाद की बिक्री पर रोक लगा दी।

साथ ही अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया।
यह कार्रवाई कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीना के निर्देश पर की गई, जिसमें शिकायत मिली थी कि कुछ खाद निर्माण में गुणवत्ता मानकों का उल्लंघन कर रही है और मौसम में खाद का भंडारण कर रही है, जिससे किसानों तक खराब खाद का भंडार खतरे में पड़ गया है। इस पर जयपुर से कृषि विभाग की एक विशेष टीम को जांच के लिए भेजा गया।
छाप हमीरगढ़ तहसील के ओजियाद गांव स्थित ओस्तवाल फ़ोसेम इंडिया लिमिटेड की कंपनी पर छापा मारा गया। फैक्ट्री में सिंगल सुपर साइंटिफिक और रसायन का उत्पादन किया जा रहा था। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि बारिश के खाद की बोरियों का सुरक्षित भंडारण नहीं किया गया था। सैक्सिंग अरेस्ट थी और नामांकित दो परतों की बोरियाँ पूरी तरह से भीगहेड वाली थी, जिससे खादी की गुणवत्ता प्रभावित हुई।
उपनिदेशक शंकर सिंह सांख्यिकी ने बताया कि कार्रवाई का उद्देश्य किसानों को गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराना है। यदि संकलन या खराब खाद किसानों तक सूची, तो फसल को गंभीर नुकसान हो सकता था। इस कार्रवाई के तहत खादी चरित्र को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
टीम ने खादी के मसाले लेकर ले जाकर ट्रायल भी किया। रिपोर्ट में सामने आया कि शीटिंग और अनायास साबिक साइंटिस्ट मानकों के मानक नहीं थे। सबसे बड़ी खामी यह बताई गई है कि पदावली और परीक्षण कार्य तकनीकी रूप से रद्दीकरण द्वारा जारी किया जा रहा था, जिसमें अनिवार्य प्रशिक्षण प्राप्त नहीं था।
बारिश के मौसम में खाद की बोरियों को सीधी ज़मीन पर नहीं रखा जा सकता है। इसके लिए वुड की वैलिडिटी का उपयोग कर बोरियों को विज़न से ऊपर उठाना आवश्यक है, जिससे विज़न न चढ़े। लेकिन जांच में पाया गया कि न तो लकड़ी की आतिशबाजी का प्रयोग किया गया और न ही कोई साइकलिंग सुरक्षित थी। वर्गीकरण का कार्य भी अलग-अलग कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा था। इन सभी कर्मचारियों के आधार पर जारी किया गया नोटिस।
जांच में थ्री लोट, यानी कुल 300 मक्के टन खाद की गुणवत्ता का पता चलने पर बिक्री पर रोक लगा दी गई। सहायक कंपनी लिमिटेड ने बताया कि प्रत्येक लाट में 100 मिलियन टन की खपत होती है। आगामी सप्ताह में फिल्म की पुनःस्थापना का निरीक्षण किया जाएगा। यदि दिशा- निर्देशों का पालन किया गया है तो बिक्री की मात्रा दी जा सकती है, अन्यथा खाद को होल्ड कर नष्ट भी किया जा सकता है।
जयपुर से कृषि आयुक्तालय की टीम में संयुक्त निदेशक नवल किशोर मीना, सहायक निदेशक राजपाल सिंह और धर्मपाल शामिल हैं। इसके अलावा, फिल्मांकन और उप निदेशक शंकर सिंह सोलोमन, सहायक निदेशक धीरेंद्र सिंह सोलोमन, कृषि अधिकारी निरीक्षण पारीक कजोड़मल ने कार्रवाई में भाग लिया।